
स्किज़ोफ्रेनिया एक प्रकार का गंभीर मानसिक रोग है जिसमे पीड़ित व्यक्ति का व्यवहार असामान्य प्रतीत होता है और वह मतिभ्रम का शिकार हो जाता है. इस रोग से पीड़ित व्यक्ति की मानसिक क्षमता, सोचने-समझने की शक्ति तथा उसका कार्य सभी कुछ विरूपित हो जाते हैं. एक अनुमान के मुताबिक समस्त विश्व के १.५% लोग ( ५१ मिलियन) इस रोग से पीड़ित है तथा भारत में पीड़ितों की संख्या लगभग ४.३ से लेकर ८.७ मिलियन तक है.
स्किज़ोफ्रेनिआ के लक्षण सामान्यतः वयस्क व्यक्तियों में दिखाए देते है, परन्तु कुछ केसेस में यह किशोरों में भी होती है.
स्किज़ोफ्रेनिआ के कुछ मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:
1. पॉजिटिव सिम्टम्स : अर्थात वे पहचान चिन्ह हो सिर्फ इसी रोग से ग्रासिक व्यक्ति में परिलक्षित होते हैं, जैसे –
a) Delusion/डिल्यूज़न:
भ्रान्ति या भ्रमित विचार जिनका वास्तविकता से कोई सरोकार न हो
b)Hallucination/हैलुसिनेशन:
– उन सेन्सेशन्स का एहसास होना जो रियलिटी में है ही नही जैसे कोई काल्पनिक आकृति या इंसान का दिखाई देना
–अलग-अलग प्रकार की आवाज़ें सुनाई देना
– त्वचा पर किसी प्रकार के अपरश की अनुभूति होना
– कोई विशेष प्रकार की गंध (स्मेल) महसूस होना
– ऐसा महसूस होना जैसे कई आवाज़ें आपस में बातें कर रही हों आदि.
c) Catatonia/कैटैटोनिया:
वह अवस्था जिसमे व्यक्ति किसी भी प्रकार की एक ही तरह की शारीरिक अवस्था(पोजीशन) में घंटों रह सकता हो.
d) डिस्ऑर्गेनाइस्ड सिम्पटम :
– जैसे की व्यर्थ की बातें करना जिनका कोई अर्थ नही हो
– एक विचार या बात सोचते/करते समय अचानक से ही दूसरे टॉपिक पर बात करने लगना
– निर्णय नही ले पाना
– अपना सामान/चीज़ें कही रखर भूल जाना/गुमा देना
– एक ही प्रकार के जेस्चर या क्रियाओं का दोहराव
2. ध्यान एवं एकाग्रता की कमी
किसी भी प्रकार की सीखी गई बात या क्रिया को याद नही रख पाना

3. Negative Symptoms/नेगेटिव सिम्पटम :
– भावनाओं/इमोशंस का न होना, भावनाएं सही प्रकार से व्यक्त नही कर पाना
– परिवार, मित्रों और सामाजिक मेल-मिलाप से दुरी बनाना
– ऊर्जा की कमी होना
– कम बोलना
– जीवन के किसी भी काम में रूचि नही लेना
– स्वयं की साफ़-सफाई की प्रति उदासीन रहना

स्किज़ोफ्रेनिआ किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, हालाँकि इसके होने का कोई स्पष्ट कारण अभी तक नही पता है परन्तु कुछ फैक्टर्स जैसे हैरीडिटी, जीन्स, मस्तिष्क में होने वाले परिवर्तन, तनाव-पूर्ण जीवन, हार्मोनल फैक्टर्स, आदि से हो सकते है. स्किज़ोफ्रेनिआ पुरुष और महिलाओं में समान रूप प्रभावित करता है.
स्किज़ोफ्रेनिआ का डायग्नोसिस पीड़ित व्यक्ति है दैनिक आचरण, व्यवहार और उसके लक्षण के आधार पर किया जाया है.
इस रोग का उपचार संभव है जिसमे मेडिकेशन्स ( एंटी-सायकोटिक दवाइयाँ), विभिन्न प्रकार की साइको-सोशल थैरेपी, फैमिली थैरेपी और काउंसलिंग, ऑक्यूपेशनल थैरेपी, ग्रुप थैरेपी, आर्ट-ड्रामा और अन्य रीक्रिएशनल गतिविधियाँ व्यक्ति के पुनर्वास में लाभदायक होती है.

अर्ली स्टेजेस में उपचार मिलने पर एवं परिवार व स्नेहजनों के प्रेम से स्किज़ोफ्रेनिआ से पीड़ित व्यक्ति भी सामान्य जीवन जी सकता है.
People with Schizophrenia needs that extra bit of care, support n understanding…
Spread Awareness n Save Lives…
Dr. Pooja Pathak
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(info source webmd,wikipedia,medicalnewstoday)




